DAV (Dayanand Anglo-Vedic) स्कूल देश में लंबा इतिहास रखता है और यह परंपरा व आधुनिक पढ़ाई दोनों को साथ लेकर चलता है। कई शहरों में DAV नाम का मतलब है—सक्षम स्टाफ, नियमित सीबीएसई पाठ्यक्रम और संस्कृति पर ध्यान। पर हर DAV एक जैसा नहीं होता; आपको पास के ब्रांच की सच्ची स्थिति देखनी चाहिए।
सोच रहे हैं कि DAV क्यों चुनें? यहाँ पर सामान्य तौर पर पढ़ाई के साथ वैल्यू एजुकेशन, खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों पर ध्यान मिलता है। शिक्षण की रफ्तार, होमवर्क की मात्रा और परीक्षा की तैयारी पर हर स्कूल की अपनी शैली होती है—इसलिए विजिट करना जरूरी है।
अधिकतर DAV स्कूल CBSE बोर्ड से जुड़े होते हैं, इसलिए पाठ्यक्रम राष्ट्रीय स्तर के अनुरूप रहता है। क्लासरूम में नोट्स, प्रोजेक्ट्स और प्रैक्टिकल को महत्व दिया जाता है। साथ ही स्पीच, ड्रामा, म्यूजिक और खेलकूद के लिए अलॉटेड समय रहता है जो बच्चे के समग्र विकास में मदद करता है।
अगर आपका बच्चा परीक्षाओं के साथ-साथ इंटरडिसिप्लिनरी स्किल्स भी सीखना चाहिए, तो DAV के कई प्रोग्राम इसकी जरूरत पूरा करते हैं—स्काउटिंग, एनसीसी, साइंस क्लब और कंप्यूटर कोचिंग जैसे विकल्प उपलब्ध होते हैं।
एडमिशन सामान्यतः रजिस्ट्रेशन, दस्तावेज जांच और कभी-कभी इंटरव्यू या प्रवेश टेस्ट पर निर्भर करता है—खासकर उच्च कक्षाओं में। नवजात या कक्षा 1 के लिए ऑडिशन कम होते हैं, पर सीट्स जल्दी भर जाती हैं। दस्तावेजों में जन्म प्रमाणपत्र, पिछला स्कूल का प्रमाण (यदि लागू हो), और पहचान-पत्र ज़रूरी होते हैं।
फीस ब्रांच और सुविधाओं के हिसाब से अलग होती है—कुछ DAV मिड-रेंज होते हैं, कुछ प्रीमियम सुविधा के साथ। परिवहन, लैब और अतिरिक्त क्लासेस की फीस अलग से लग सकती है। फीस समझते समय वार्षिक, सेमेस्टर और ऐड-ऑन चार्ज सब पूछ लें।
स्कूल चुनते वक्त ये सवाल पूछें: शिक्षकों का अनुभव क्या है? सत्र भर में पेरेंट-टियर मीट कितनी बार होते हैं? क्या होमवर्क और टेस्ट का बैलेंस ठीक है? इमरजेंसी में मेडिकल और सिक्योरिटी की क्या व्यवस्था है? इन सवालों के जवाब से असली तस्वीर सामने आ जाती है।
अंत में, हर बच्चे की जरूरत अलग होती है। अगर आपका लक्ष्य मजबूत अकादमिक बैकग्राउंड के साथ वैल्यू बेस्ड एजुकेशन है तो DAV एक मजबूत विकल्प हो सकता है—बशर्ते आप पास के किसी विशेष ब्रांच का विजिट करके उसकी क्लासरूम, टीचिंग पद्धति और पैरेंट फीडबैक को समझ लें।
अगर चाहें तो स्कूल का विजिट शेड्यूल बनाकर एक सुबह या दोपहर वहां बिताकर देखें—कक्षा का माहौल, बच्चे का कम्फर्ट लेवल और स्टाफ का व्यवहार देखकर आप बेहतर फैसला ले पाएंगे।
चाईबासा के सुरजमल्ल जैन DAV पब्लिक स्कूल में राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों का सम्मान हुआ। प्रिंसिपल ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा कि खेल से अनुशासन, टीमवर्क और आत्मविश्वास बढ़ता है। खेल शिक्षक जयप्रकाश और अर्जुन महाकुद की तैयारी और मार्गदर्शन की सराहना हुई। समारोह ने अन्य छात्रों को भी खेल में आगे आने की प्रेरणा दी।