रॉयल ब्लू का महत्व और ऊर्जा
नव्रात्रि के तीसरे दिन देवियों ने चंद्रघंटा को विशेष कारणों से चुना। उसका अर्धचंद्र वज्र वाला माथा और शेर पर सवार रूप साहस और शांति का मिश्रण है। रॉयल ब्लू गहराई, स्थिरता और आंतरिक शांति का प्रतीक है, इसलिए यह रंग इस दिन के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। जब हम घर में नीला कपड़ा बिछाते हैं या नीले फूल सजाते हैं, तो माना जाता है कि नकारात्मकता धुंधली हो जाती है और मन शांत रहता है।
भक्तों को यह भी कहा जाता है कि इस रंग के साथ प्रार्थना करने से डर, चिंता और संकोच दूर होते हैं। इसलिए सुबह के ब्रह्म मुहूर्त (04:35‑05:23) और दोपहर के विजय मुहूर्त (02:14‑03:02) को विशेष ध्यान देना चाहिए। एक कपड़े की ठंडी बूँद को नज़र में रखने से ऊर्जा का संतुलन बनता है।

पारम्परिक परिधान के विकल्प
यदि आप रॉयल ब्लू परिधान चुनना चाहते हैं, तो कई विकल्प आपके सामने हैं। नीचे कुछ लोकप्रिय स्टाइल की सूची दी गई है, जो पारम्परिक और आधुनिक दोनों रूप में काम आती है:
- नीली साड़ी – कांस्य या बनारसी साड़ी में सुनहरी बॉर्डर जोड़ें, जिससे लुक में राजसी चमक आए।
- नीला लेहंगा – एम्ब्रॉयडरी या ज़री का काम चुनें, और सिल्वर ज्वेलरी से सजाएँ।
- नीला कुर्ती‑पेटिका सेट – धारीदार या बॉर्डर वाले डिज़ाइन से रोज़मर्रा की पूजा में आराम मिले।
- डुपट्टा के साथ – यदि आप साड़ी नहीं पहनते, तो नीला डुपट्टा सिल्वर पिन या छोटा बैंड वॉरन बिंदी के साथ पहने।
सजावट में चाँदी या सोने की जड़ी‑बूटी की निर्मल झुमके, बाली बना हुआ कंगन और पायल के साथ पूरा लुक बनता है। यदि बजट सीमित है, तो कांच की बारीक कंगन या मिट्टी के बांगड़े वाले आभूषण भी काम चल सकते हैं।
पूजा के समय घर के आध्यात्मिक कोने को नीले कपड़े से ढंकें, नीले गुलदाउदी या जास्मिन के फूल रखें और नीले थालियों में मिठाई रखें। रांगोली में भी नील रेशमी धागे और फूलों के साथ नीले रंग के पैटर्न बनाकर माहौल को और भी आकर्षक बनाया जा सकता है। अंत में, गी के मोमबत्ती जलाकर, पवन और चंदन की खुशबू से घर को ताजा रखें, और चंद्रघंटा के मंत्र दोहराएँ।